साहित्य कविता के उपनिवेश का अंत और नागार्जुन February 27, 2011 / December 15, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on कविता के उपनिवेश का अंत और नागार्जुन जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबरयुग में कविता और साहित्य को लेकर अनेक किस्म की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। कुछ लोग यह सोच रहे हैं लोकतंत्र में कविता या साहित्य को कैद करके रखा जा सकता है ? यह सोचते रहे हैं कि साहित्य हाशिए पर पहुँच गया है।लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। इसके विपरीत […] Read more » Baba Nagarjun बाबा नागार्जुन