कविता बैसाखी August 21, 2019 / August 21, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment अवधेश सिंह विरासत में मिली है मुझे सोने के फ्रेम में मढ़ी वंचित – निषिद्ध तमाम अमानुषिक पीड़ाओं और जख्मों से कराहती , आज भी भय से थरथराती … टूटे सपनों , लुटे अरमानों व आसुओं की एक तस्वीर जिसमें हमारे पूर्वज रोज माला देते हैं विरासत में मिली हैं कुछ किताबें जो बताती हैं पता हमारे शत्रुओं […] Read more » baishakhi poetry