कविता घुसपैठिए और भारतीय सेकुलर September 12, 2012 by मुकेश चन्द्र मिश्र | 2 Comments on घुसपैठिए और भारतीय सेकुलर सारे सेकुलर चुप बैठे हैं, देश जल रहा जलने दो। बंग्लादेशी वोटर अपने, असम मे इनको रहने दो॥ अरबों की आबादी अपनी, उसपर भी सीमित संसाधन। फिर भी हम खुश होकर करते, बंग्लादेशी का अभिनंदन॥ हिंदुस्तान है चारागाह, इनको भी कुछ चरने दो। सारे सेकुलर चुप………………………………………… जगह जगह ये बम फोड़ें, हर देशद्रोह का […] Read more » bangladesi migrants