कविता मर्द August 16, 2019 / August 17, 2019 by डा.सतीश कुमार | Leave a Comment मर्द हो मर्द बनो । कुछ खा लो , कुछ पी लो , दो चार कश भी लगा लो, अरे क्या बिगड़ता है, थोड़े में , यार ! चख कर तो देखो। अरे !तुम तो अभी बच्चे हो? मां बाप की आज्ञाएं, ही ढोते रहते हो । तुम्हारा जीवन अपना है। अपने निर्णय खुद लो […] Read more » be a man Man