कविता कविता : बोन्साई November 6, 2011 / December 5, 2011 by गंगानन्द झा | 1 Comment on कविता : बोन्साई पेड़ों को गहरी धरती चाहिए होती है ; पेड़ों को प्रशस्त आकाश चाहिए आज के संपन्न, सभ्य आदमी के पास न धरती है, न आकाश पर पेड़ उसे चाहिए। वह पेड़ को बोन्साई बना लेता है गमलों में पेड़ उगाए जाते हैं पेड़ बौना हो जाता है, पर पूर्ण रूप से उपयोगी रहता है; बिना […] Read more » bonsai बोन्साई