कविता
चाणक्य सा राजपूतों को मिला नही सलाहकार
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकजब देश, धर्म खतरे में पड़ा था, भारत जातिऔर कठोर वर्ण व्यवस्था में जकड़ा-जकड़ा था,जब आक्रांता सीमा के अंदर घुस आ खड़ा था,निपट अकेला एक वर्ग राजपूत ही लड़ रहा था,ले हाथ में हथियार, कोई भी नहीं था मददगार! राजपूतों में भेद बड़ा था, कोई छोटा, कोई बड़ा था,सब एक दूसरे को मरने-मारने […]
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