पर्यावरण प्राण, परिवेश और परिवर्तन June 21, 2011 / December 11, 2011 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा “किसी वयस्क व्यक्ति को किसी गर्म दिन बिना भोजन और पानी के सहारा मरुभूमि के एक छाँवरहित भाग में रख दिया जाए, तो रात बीतने के पहले ही वह मर जाएगा। ” उपर्युक्त अवलोकन बतलाता है कि शरीर के प्राणवंत रहने में उसका परिवेश समान रूप से महत्वपूर्ण होता है। जीव का शरीर […] Read more » changes