समाज गंवई गंवार की प्रतीति आत्मगंध की अनुभूति September 19, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – हृदयनारायण दीक्षित गांव की अपनी सुरभि है, अपनी गंध है। गंवई-गंवार की अपनी प्रतीति है और आत्मगंध की अपनी अनुभूति है। गांवों से बाहर जाती और सांझ समय खेतों से लौटती गायों की पदचाप से उठी धूलि गंध देवों को भी प्रिय है। गांव में गेंदा है, चमेली है, रातरानी है, गुलाब हैं तथा […] Read more » Cognition अनुभूति