कला-संस्कृति लेख
श्रीराम भक्त हनुमान के जन्म स्थान पर विवाद चरम पर
/ by अशोक “प्रवृद्ध”
–अशोक “प्रवृद्ध” शक्ति, भक्ति, आस्था, बल, बुद्धि, ज्ञान, दैवीय शक्ति, बहादुरी, बुद्धिमत्ता, निःस्वार्थ सेवा-भावना आदि गुणों और अपना सम्पूर्ण जीवन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व माता सीता की सेवा व भक्ति में लगा देने तथा बिना किसी उद्देश्य के कभी भी अपनी शक्तियों का, अपने शौर्य का व्यर्थ प्रदर्शन नहीं करने के कारण त्रेतायुग से आज […]
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