कविता आँगन का आमरूद July 22, 2021 / July 22, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मैंतुम्हारे आँगन का आमरूद हूँतभी तो मैं महफूज़ हूँतुमनेमेरा बेइंतहा ख्याल रखामुसीबतों से मुझे संभाल रखा मैंछोटा सा नन्हा एक बीज थाकोई न मेरा अस्तित्व थातुमनेमुझे उम्मीद से धरती में डालाअंकुरित हुआ तो मुझे पाला मैंखुद को कभी मरने नहीं दियासपनों को टूटने नहीं दियातुमनेमेरे हौसले को बढ़ायाऔर संजीदगी से जिलाया मैंअब उम्मीदों […] Read more » courtyard amruda