कविता दहेज दानव August 16, 2019 / August 16, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विनोद सिल्ला ये दहेज दानव हजारों कन्याएं खा गया। ये बदलता माहौल भी रंग दिखा गया।। हर रोज अखबारों में ये समाचार है, ससुराल जाने से कन्या का इंकार है, क्यों नवविवाहितों को स्टोव जला गया।। बिकने को तैयार लङके हर तरह से, मांगें मोटर कार अङके हर तरह से, हर नौजवान अपना मोल लिखा […] Read more » dowry dowry monster poem poetry