व्यंग्य
धन्यवाद एनिमीग्राफ
/ by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो
फ़ेसबुक जैसे सोशल मीडिया अंततः एंटी-सोशल हो ही गए. रविशंकर श्रीवास्तव (रवि-रतलामी) अभी तक हम गर्व से अपने 5000 (भई, सीमा ही इतनी है, क्या करें!) फ़ेसबुक मित्रों की सूची सबको बताते फिरते थे. फ़ेसबुक दुश्मन (आप इनमें से चाहे जो भी कह लें – शत्रु, दुश्मन, वैरी, विरोधी, बैरी, मुद्दई, रिपु, अरि, प्रतिद्वंद्वी, प्रतिद्वन्द्वी, […]
Read more »