कविता मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है…गिरीश पंकज… October 16, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 2 Comments on मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है…गिरीश पंकज… मन में गर उत्साह रहे तो रोजाना दीवाली है, वरना इस महंगाई में तो रूखी-सूखी थाली है।। जो गरीब है, वह भी तो त्यौहार मनाया करता है, लेकिन पूछो तो खुशियाँ वह कैसे लाया करता है। भीतर आँसू हैं, बाहर मुस्कान दिखाई देता है, पीड़ा भी धन वालों को इक गान सुनाई देता है। सच […] Read more » excitement उत्साह