राजनीति विश्वास का संकट July 18, 2011 / December 8, 2011 by जावेद उस्मानी | 1 Comment on विश्वास का संकट जावेद उस्मानी भारतीय लोकतंत्र गंभीर दौर से गुजर रहा है। सत्ता अपने मतदाताओ को और प्रजा अपने निर्वाचितशासक को लेकर असमंजस में है। समूचा जन मानस राजनैतिक और गैरराजनैतिक विचारधारा के भॅवर मे फसा हुआ है। एक दूसरे को काटती दोनो धाराए अपनी अपनी जंग जीतने के लिये ऐसी राह पर है जिसकी कोई मंजिल […] Read more » Faith विश्वास का संकट
धर्म-अध्यात्म आस्था निर्माण की कार्यवाही December 10, 2010 / December 19, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment -हृदयनारायण दीक्षित प्रत्यक्ष स्वयं प्रमाण होता है। इसे सिध्द करने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन सारा प्रत्यक्ष देखा और जाना नहीं जा सकता। सृष्टि विराट है। इंद्रियबोध की सीमा है। यों प्रत्यक्ष का सीधा अर्थ प्रति-अक्ष यानी आंख के सामने होता है। भारतीय विवेक में ‘अक्ष’ का अर्थ इंद्रियां है। इंद्रियबोध की समझ ही यहां […] Read more » Faith आस्था