राजनीति माले-मुफ्त, दिले-बेरहम July 28, 2022 / July 28, 2022 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ वेदप्रताप वैदिक उर्दू में एक कहावत है कि माले-मुफ़्त और दिले-बेरहम! इसे हमारे सभी राजनीतिक दल चरितार्थ कर रहे हैं याने चुनाव जीतने और सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए वे वोटरों को मुफ्त की चूसनियाँ पकड़ाते रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे रेवड़ी संस्कृति कहा है, जो कि बहुत सही शब्द है। […] Read more » Dil-Brueless freebie politics Male-Free
राजनीति मुफ्त की रेवड़ी न तो टिकाऊ है और न ही चुनाव जीतने की गारंटी July 17, 2022 / July 17, 2022 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment -सत्यवान ‘सौरभ’ श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के पतन की हालिया खबरों ने राज्य की भूमिका पर एक नई बहस को जन्म दिया है। श्रीलंका की सरकार ने बोर्ड भर में करों में कटौती की और कई मुफ्त सामान और सेवाएं प्रदान कीं। नतीजतन, अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई और सरकार गिर गई । संभावित मतदाताओं को मुफ्त उपहार […] Read more » freebie politics Freebie politics invites serious economic crisis Recent news of the collapse of the Sri Lankan economy मुफ्त की रेवड़ी श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के पतन की हालिया खबर
राजनीति क्या भारत के कुछ राज्य श्रीलंका की राह पर चल पड़े हैं? July 14, 2022 / July 14, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment यूं देखा जाय तो श्रीलंका भी भारत के एक राज्य जितना बड़ा है। यदि श्रीलंका को भारत में मिलाया जाय तो वह भारत के किसी भी एक राज्य के समान ही रहेगा। आज भारत के कुछ राज्यों की आर्थिक स्थिति भी एक तरह से श्रीलंका की राह पर जाती दिख रही है। भारतीय रिजर्व बैंक […] Read more » freebie politics Freebie politics invites serious economic crisis Have some Indian states followed the path of Sri Lanka?