समाज गांधीगिरी सुनने में ही अच्छी, जीवन में ढालना मुश्किल October 5, 2012 / October 5, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment सिद्धार्थ शंकर गौतम वर्तमान पीढ़ी के लिए गांधी दर्शन और उनके आदर्शों पर चलना ठीक वैसा ही है जैसे नंगे पैर दहकते अंगारों पर चलना| चूंकि गांधी द्वारा दिखाया गया सत्य और नैतिकता का मार्ग अत्यंत दुष्कर है व बदलते सामाजिक व आर्थिक ढांचे में खुद को समाहित नहीं कर सकता लिहाजा यह उम्मीद बेमानी […] Read more » Gandhism गांधीगिरी सुनने में ही अच्छी
समाज गाँधीवादी संस्थाओं की बदहाली July 9, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment – डॉ. अनिल दत्त मिश्र स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान किसी से छिपा हुआ नहीं है। गांधी नैतिकता, ईमानदारी तथा नैतिक बल सदाचार आदि आजादी के पूर्व भी प्रतीक यंत्र था, आजादी के बाद भी। जाति के लोगों ने जातिय पंचायत करके विदेश पढ़ने हेतु जाने से रोका। बालक मोहनदास करमचंद गांधी ने […] Read more » Gandhism गाँधीवाद
विविधा गांधीवाद का तालीबानीकरण February 3, 2010 / December 25, 2011 by गौतम चौधरी | 7 Comments on गांधीवाद का तालीबानीकरण खबरदार! किसी के साथ गांधी की तुलना नहीं की जा सकती है। किसी को गांधीनुमा परिधान पहनने की इजाजत नहीं है। कोई गांधी जी की लाठी लेकर चले उसका पैर तोड दिया जाएगा और गांधी के द्वारा लिखी किताबों को कुरान, हदीस, बाईवल, गुरूग्रंथ साहिब, गीता की तरह पूजा जाएगा। यह फरमान जारी किया है […] Read more » Gandhism गांधीवाद तालीबानीकरण