विधि-कानून सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से चर्च बेचैन क्यों? April 27, 2011 / December 13, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से चर्च बेचैन क्यों? हरिकृष्ण निगम सर्वोच्च न्यायालय ने बजरंग दल से जुड़े दारा सिंह को आजीवन कारावास की उड़ीसा उच्च न्यायालय द्वारा दी गई सजा को बरकरार तो रखा, पर धर्मांतरण के मुद्दे पर जिस तरह न्यायालय ने प्रलोभन, दबावों व दुष्प्रचार की मिशनरियों की रणनीति को कटघरे में खड़ा किया है, उससे अनेक चर्च संप्रदाय बौखलाए से […] Read more » High Court
विधि-कानून सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय सरकार की आलोचना April 4, 2011 / December 14, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on सर्वोच्च न्यायालय द्वारा केंद्रीय सरकार की आलोचना धार्मिक सुधारों के कानून मात्र बहुसंख्यकों के लिए क्यों? हरिकृष्ण निगम हाल में सर्वोच्च न्यायालय ने जिस तरह से केंद्र को कानूनी प्रक्रिया को अल्पसंख्यकवाद के शिकंजे में फंसाने के लिए उत्तरदायी ठहराकर उसकी भर्त्सना की है वह किसी की भी आंखे खोलने वाला है। सर्वोच्च न्यायालय में दायर समय-समय पर अनेक मुकद्मों में […] Read more » High Court सर्वोच्च न्यायालय
राजनीति अचानक सभी को “न्यायालय के सम्मान”(?) की चिंता क्यों सताने लगी है?… September 29, 2010 / December 22, 2011 by सुरेश चिपलूनकर | 16 Comments on अचानक सभी को “न्यायालय के सम्मान”(?) की चिंता क्यों सताने लगी है?… -सुरेश चिपलूनकर पिछले एक-दो महीने से सभी लोगों ने तमाम चैनलों के एंकरों को गला फ़ाड़ते, पैनलिस्ट बने बैठे फ़र्जी बुद्धिजीवियों को बकबकाते और अखबारों के पन्ने रंगे देखे होंगे कि अयोध्या के मामले में फ़ैसला आने वाला है हमें “न्यायालय के निर्णय का सम्मान”(?) करना चाहिये। चारों तरफ़ भारी शोर है, शान्ति बनाये रखो… गंगा-जमनी […] Read more » High Court अयोध्या विवाद सर्वोच्च न्यायालय
राजनीति जब सरकार करे अपना काम, कोर्ट की फिर क्या दरकार September 13, 2010 / December 22, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 2 Comments on जब सरकार करे अपना काम, कोर्ट की फिर क्या दरकार -अमलेन्दु उपाध्याय हाल ही में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के अनाज बांटने के फैसले पर बहुत ही विनम्र शब्दों में असहमति जताई है और सरकार के नीतिगत फैसलों में हस्तक्षेप न करने का अनुरोध किया है। देश के चुनिन्दा संपादकों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने अप्रत्यक्ष रूप से सुप्रीम कोर्ट के अधिकार […] Read more » High Court अनाज सर्वोच्च न्यायालय
विधि-कानून सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश ने अपने फैसले पर जताया खेद July 7, 2009 / December 27, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on सर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश ने अपने फैसले पर जताया खेद देश की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने अपने ही एक फ़ैसले पर पुनः विचार करते हुए उस पर खेद प्रकट किया है। मीडिया में आई खबर के मुताबिक साथ ही उन्होंने तत्समय अपनी कठोर टिप्पणियों के लिए याचिकाकर्ता से माफी मांगी है। पूरा मामला भोपाल के एक कानवेंट स्कूल के छात्र से […] Read more » High Court सर्वोच्च अदालत