लेख कुमाऊनी बोली और भाषा से कैसे जुड़ेगी नई पीढ़ी? June 15, 2024 / June 15, 2024 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment श्रुति कपकोट, उत्तराखंड“बेडू पाको बारो मासा, नारायण ! काफल पाको चैता मेरी छैला” (बेडू तो बारह माह पकते हैं, लेकिन काफल तो केवल चैत माह में ही पकता है) उत्तराखंड के इस प्रसिद्ध कुमाऊनी लोकगीत को गाते हुए 95 वर्षीय बछुली देवी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान तैरने लगती है. वह उत्साह के साथ बताती हैं […] Read more » How will the new generation connect with Kumaoni dialect and language?