राजनीति चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त January 28, 2014 / January 28, 2014 by देवेन्द्र कुमार | 1 Comment on चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त -देवेन्द्र कुमार- यद्यपि आम आदमी पार्टी का राजनीतिक क्षितिज पर उदय के कारण राष्ट्रीय राजनीति में तीसरे मोर्चा की चर्चा थोड़ी थमती नजर आती है, पर अंदरखाने इस सोच पर विराम नहीं लगा है। माकपा-भाकपा के साथ ही अन्य क्षेत्रीय पार्टियां इसमें अपना भविष्य तलाश रही हैं। इधर, उतरप्रदेश की राजनीति से स्व-निर्वासित होकर […] Read more » Indian Politics need of fourth front in politics चौथे मोर्चे की परिकल्पना को जमीनी शक्ल देने का वक्त
राजनीति आखिर आप कब बोलेंगे January 25, 2014 / January 25, 2014 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | Leave a Comment -डॉ. अरविन्द कुमार सिंह- वर्तमान राजनिति की दिशा और दशा कही से ये आभास नहीं देती की वो राष्ट्रीय सोच की दिशा में काम करती है। राजनैतिक दल उस प्राइवेट फर्म की तरह काम कर रहे हैं, जिनकी सोच मात्र व्यक्तिगत फायदे तक सिमित है। राष्ट्रीय नेता ( तथाकथित ) राष्ट्रीय मसलो पर सकारात्मक भाषा […] Read more » Indian Politics आखिर आप कब बोलेंगे
राजनीति भारतीय राजनीती में गहराता परिवारवाद November 29, 2011 / November 29, 2011 by हर्षवर्धन पान्डे | 1 Comment on भारतीय राजनीती में गहराता परिवारवाद हर्षवर्धन पाण्डे हमारे देश की राजनीती में परिवारवाद तेजी से गहराता जा रहा है…..जिस तेजी से परिवारवाद यहाँ पैर पसार रहा है उसके हिसाब से वह दिन दूर नहीं जब देश में कोई भी ऐसा नेता मिलना मुश्किल हो जायेगा जिसका कोई करीबी रिश्तेदार राजनीती में नहीं हो ….. राजनीतिक परिवारों के लिये भारतीय राजनीती […] Read more » Indian Politics परिवारवाद भारतीय राजनीती
राजनीति पथ से भटकी भारतीय राजनीति August 30, 2009 / December 27, 2011 by डा. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर | 1 Comment on पथ से भटकी भारतीय राजनीति देश का नेता कैसा हो? फलां जी के जैसा हो। इस तरह के नारे चुनाव के समय बहुतायत रूप में सुनाई देते हैं। तब लगता है कि जिस नेता को हम अपने देश की सत्ता देने जा रहे हैं वह हमारे लिए कुछ विशेष करेगा। चुनाव के बाद एकाएक तस्वीर बदल जाती है। सत्तासीन होने के बाद सत्ता […] Read more » Indian Politics भारतीय राजनीति
राजनीति भारतीय राजनीति को ‘तिलक’ चाहिए July 30, 2009 / December 27, 2011 by राकेश उपाध्याय | 6 Comments on भारतीय राजनीति को ‘तिलक’ चाहिए आगामी 1 अगस्त को लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 89वीं पुण्यतिथि पड़ रही है। ‘प्रवक्ता डॉट कॉम’ के विशेष आग्रह पर युवा पत्रकार राकेश उपाध्याय ने समकालीन राजनीति और तिलक की प्रासंगिकता विषय पर तीन कड़ियों में आलेख लिखा है। ये आलेख आज की परिस्थिति के अनुकूल विचारोत्तेजक है और लोकमान्य तिलक के प्रति एक […] Read more » Indian Politics भारतीय राजनीति