कविता कलयुग में गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे May 18, 2019 / May 18, 2019 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on कलयुग में गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे आर के रस्तोगी इस कलयुग में अब गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे तुम ? चारो तरफ अन्धकार है,कैसे बुद्ध पूर्णिमा मनाओगे तुम ? करो निस्वार्थ सेवा जन जन की,किसी को कष्ट न देना तुम | सत्य अहिंसा का मार्ग अपनाकर,सबको गले से लगा लो तुम || जाना है सबको संसार को छोड़कर,ये बात समझ अब […] Read more » Inspiration poem poem on gautam buddha poetry
विविधा पहल में ही ‘हल’ छिपा होता है June 9, 2011 / December 11, 2011 by चैतन्य प्रकाश | Leave a Comment चैतन्य प्रकाश क्या आपने कभी छलांग भरी है? गङ्ढे, खाई, नाले, दीवार से या यों ही मैदान में छलांग भरते हुए चलना वाकई एक रोमांचक अनुभव होता है। कुलांचे भरते हुए हिरणों के बच्चे कितने आकर्षक लगते हैं। छोटे बच्चे का पांव उठाकर चलना स्वावलंबन और संतुष्टि के एकात्म अनुभव की प्राथमिक मिसाल है। सचमुच […] Read more » Inspiration पहल प्रेरणा