कला-संस्कृति पतंग और मन की डोर July 26, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment मानव मन की गहराइयों को थाह लेना सरल नहीं होता। नानाप्रकार की अभिलाषाओं से भरा मन जब अत्यन्त प्रफुल्लित होता है तब आदमी विविध कार्यकलापों से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है, अपनी उत्कंठाओं की प्यास बुझाता है । ऐसा हीं एक उद्यम है -पतंगबाजी। भारतवर्ष में पतंगबाजी का शौक लोगों में किस कदर छाया […] Read more » kite पतंग