कविता कुरुक्षेत्र तब भी था और अब भी January 16, 2021 / January 16, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकयुद्ध लड़े और जीते जाते हैंहथियार नहीं विचार सेकुरुक्षेत्र तब भी था और अब भीयुद्धोन्मादी दुर्योधन होतेसौ-सौ की सैशे मेंतेरह अक्षौहिणी सेना से लैससंतोषी धीरोदात्त पाण्डव होतेमुट्ठी भर सेना के साथ! किन्तु कृष्ण तो कोई एक ही होतादोनों पक्ष में हथियार और विचार से सक्रियहथियार कृष्ण का था सत्ता के साथविचार कृष्ण का […] Read more » Kurukshetra was still and still is कुरुक्षेत्र तब भी था और अब भी