कविता
जिसमें हो सबका हित साहित्य वही
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकजिसमें हो सबका हित साहित्य वही,जिसमें हो मानव गीत साहित्य वही,जिसमें हो संगीत प्रीत साहित्य वही,जिससे हो मनुज मीत साहित्य वही! साहित्य समाज का मन दर्पण होता,साहित्य मानवीय भाव समर्पण होता,साहित्य ईश्वरीय ज्ञान सम्पन्न होता,साहित्य में मनोभाव का अर्पण होता! साहित्य है मानवीय समस्या का हल,साहित्य सर्व ज्ञान का खिलता कमल,साहित्य है पराजित […]
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