धर्म-अध्यात्म वैदिक समाज व्यवस्था का सार है मनुस्मृति January 17, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on वैदिक समाज व्यवस्था का सार है मनुस्मृति अशोक “प्रवृद्ध” पुरातन ग्रंथों के अनुसार स्वयंभू मनु संसार के पहले मनुष्य हैं और सम्पूर्ण पृथ्वी पर बसने वाले मनुष्य उसी एक पिता की सन्तान हैं। उस पिता को मनु कहा जाता है। मनुष्य शब्द में मनु का नाम समाहित है। अर्थात मनु के नाम से ही मनुष्य शब्द बना है । संस्कृत में मनुस्मृति […] Read more » manusmriti is the soul ofvaidik societal arrangements वैदिक समाज व्यवस्था का सार है मनुस्मृति