राजनीति अल्पसंख्यकवाद के निहितार्थ February 17, 2014 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment -डॉ. मनोज चतुर्वेदी- अभी हाल में राहुल गांधी की सिफारिश पर चुनावी समीकरण को ध्यान में रखते हुए लोकलुभावने रेवड़ी बांटने के करोड़ों वोट और कई अरबों नोट सुरक्षित रखने की काल्पनिक चाह में केंद्र सरकार ने हिन्दू समाज के हजारों वर्ष परंपरागत सभ्यता-संस्कृति के साथी अरिहन्तों (जैन) को अल्पसंख्यक दर्जा दे दिया। मुस्लिम, ईसाई, […] Read more » minorities in india अल्पसंख्यकवाद के निहितार्थ
विविधा भरत के अल्पसंख्यक वंशज February 6, 2014 / February 7, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment -विजय कुमार- पिछले दिनों हिन्दुओं की सशक्त आर्थिक भुजा (जैन समाज) को केन्द्र सरकार ने ‘अल्पसंख्यक’ घोषित किया है। इससे पूर्व भारत की ‘खड्ग भुजा’ के प्रतीक सिख और अध्यात्म व समरसता के संदेशवाहक बौद्ध भी अल्पसंख्यक घोषित हो चुके हैं। इसके लाभ-हानि को विचारे बिना एक भेड़चाल के रूप में अब जैन […] Read more » minorities in india भरत के अल्पसंख्यक वंशज भारत के अल्पसंख्यक वंशज
समाज भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या November 5, 2012 / November 5, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 5 Comments on भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या हमारे देश में अल्पसंख्यक शब्द का बार बार प्रयोग होता है विशेषत: चुनावी मौसम में तो कितने ही नेता वर्षाती मेढक की भांति अल्पसंख्यक अल्पसंख्यक टर्रा टर्राकर चुनावी वैतरणी से पार उतरने का प्रयास करते हैं। भारत में यह समस्या स्वतंत्रता के पश्चात अधिक विकट हुई है। भारत में इन अल्पसंख्यकों की समस्या के कारण […] Read more » minorities in india भारत में अल्पसंख्यकों की समस्या