विविधा जनता के पैसों की होली खेलने वालों को सिखाना होगा सबक February 4, 2011 / December 15, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment लिमटी खरे अस्सी के दशक के उपरांत भारत गणराज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें तेजी से पनपना आरंभ हुईं थीं। तीस सालों में भ्रष्टाचार का यह बट वृक्ष इतना घना हो चुका है कि इसकी छांव में नौकरशाह, जनसेवक और मीडिया के सरपरस्त सुकून की सांसे ले रहे हैं, किन्तु आम जनता की सांसे इस पेड़ […] Read more » money of public जनता के पैसों की होली भ्रष्टाचार