साहित्य मुक्तक का जबाब मुक्तक में July 12, 2019 / July 12, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी शौक बड़े ही शौक से निभाया था जिन्दगी को |दिल के अरमान से सजाया था जिन्दगी को ||जाने क्या खता हुई मुझसे ये मालूम नहीं |ख़्वाब में भी हमने न सताया था जिन्दगी को || जबाब काश ! तुमने शौक से निभायी होती जिन्दगी को |आज ये दिन देखना ना पड़ता तुम्हारी […] Read more » form of hindi literature hindi literature muktak poem poetry