कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म नवरात्रि का माहात्म्य September 24, 2025 / September 24, 2025 by विवेक रंजन श्रीवास्तव | Leave a Comment विवेक रंजन श्रीवास्तव नवरात्र भारतीय संस्कृति का एक ऐसा पर्व है जो केवल धार्मिक आचरण तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू को स्पर्श करता है। यह पर्व वर्ष में दो बार आता है चैत्र और आश्विन मास में और दोनों ही बार यह ऋतु परिवर्तन के संधि-काल में अपना विशेष महत्व लेकर आता है। नवरात्रि, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, नौ रात्रियों का उत्सव है। ये नौ रातें और नौ दिन देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना के लिए समर्पित होते हैं, जो शक्ति, ज्ञान, समृद्धि और शांति के प्रतीक हैं। नवरात्रि की शुरुआत घटस्थापना के साथ होती है, जहाँ एक मिट्टी के घड़े में जौ बोए जाते हैं। यह जीवन के अंकुरण, नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है। अगले नौ दिनों तक, देवी के नौ रूपों की पूजा का एक विशेष क्रम होता है। प्रत्येक दिन देवी के एक अलग रूप की आराधना की जाती है, जो मानव जीवन के विभिन्न आयामों को दर्शाता है। शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक का यह सफर केवल पूजा अर्चना का ही नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति और आंतरिक शुद्धि का भी मार्ग प्रशस्त करता है। इस पर्व का सबसे गहरा महत्व इसकी आध्यात्मिकता में निहित है। मान्यता है कि इन्हीं नौ दिनों में देवी दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बन गया है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने अंदर की काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार जैसे दसों प्रकार के राक्षसों पर विजय प्राप्त करनी चाहिए। दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है, जो विजय का प्रतीक है। नवरात्रि केवल पूजा पाठ का ही पर्व नहीं है, बल्कि यह सामाजिक एकता और सांस्कृतिक उल्लास का भी अवसर है। गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गरबा और डांडिया का आयोजन इसका उदाहरण है। रातभर चलने वाले इन नृत्यों में समुदाय के सभी लोग बिना किसी भेदभाव के एक साथ मिलकर नृत्य करते हैं। यह सामाजिक सद्भाव और सामूहिक उल्लास का अनूठा दृश्य होता है। घरों में रंगोली बनाने, दीये जलाने और पारंपरिक वस्त्र पहनने की परंपरा हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखती है। इस पर्व का एक वैज्ञानिक पक्ष भी है। ऋतु परिवर्तन के इस समय में उपवास रखना और सात्विक आहार लेना शरीर के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। यह शरीर को शुद्ध करने, पाचन तंत्र को आराम देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है। इस प्रकार, नवरात्रि शरीर, मन और आत्मा तीनों के लिए शुद्धि का कार्य करती है। नवरात्रि का संदेश अत्यंत सारगर्भित है। यह हमें बाहरी आडंबरों से ऊपर उठकर आंतरिक शुद्धि की ओर ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि जीवन में सफलता और शांति के लिए आवश्यक है कि हम अपने अंदर की नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त करें और सकारात्मक ऊर्जा को अपनाएं। नवरात्रि आस्था, संस्कृति और विजय का अनूठा संगम है, जो हमें न केवल बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देती है, बल्कि समाज में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाती है। यही कारण है कि सदियों से यह पर्व हमारी सांस्कृतिक चेतना का एक अभिन्न अंग बना हुआ है। विवेक रंजन श्रीवास्तव Read more » importance of navratri Navratri नवरात्रि का माहात्म्य
पर्व - त्यौहार समाज जानिए कब और कैसे मनाएं अश्विन नवरात्री 21 सितम्बर 2017 से (शारदीय नवरात्री 2017 )– August 27, 2017 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment नवरात्री अर्थात “नौ रातों का समूह”| नवरात्री 9 दिनों तक मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है, जिसमें 9 दिनों तक माँ दुर्गा की 9 अलग-अलग देवी शक्ति रूपों को पूजा जाता है |नौ देवियों के नाम और अर्थ उनके महत्व के अनुरूप भिन्न-भिन्न है | नवरात्र शक्ति महापर्व पूरे भारतवर्ष में बड़ी श्रद्धा व […] Read more » Featured Navratri अश्विन नवरात्री आठवाँ महागौरी कब मनाएं अश्विन नवरात्री कैसे मनाएं अश्विन नवरात्री 21 सितम्बर 2017 चौथा कूष्माण्डा छठा कात्यायिनी तीसरा चन्द्रघन्टा दूसरा ब्रह्माचारिणी नवरात्री नौवां सिद्धिदात्री। पाँचवा स्कन्द माता शारदीय नवरात्री 2017 शैलपुत्री सातवाँ कालरात्रि