कविता रात के ख्वाब जो दिन में देखने लगे है August 26, 2019 / August 26, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment रात के ख्वाब जो दिन में देखने लगे |उन्ही को दिन में अब तारे दिखने लगे || खता करके पूछती हो,ऐसा मैंने क्या किया ?नयनो से तीर चलाये थे,आशिक मरने लगे || तुम्हारा चेहरा आईने में कैसे दिखाई देता ?चेहरा देखते ही,आयने के अंग फडकने लगे || हटाये जो गेसू,उसने अपने खूबसूरत चेहरे से |लगा […] Read more » night night dreams poem poetry