कविता गीत-मिट जाऊ वतन पर ये….. August 14, 2012 / August 14, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on गीत-मिट जाऊ वतन पर ये….. शादाब जफर ‘‘शादाब’’ मिट जाऊ वतन पर ये मेरे दिल में लगन है। नजरो में मेरी कब से तिरंगे का कफन हैं हर ग़ाम पडौसी को मेरे यू भी जलन है सोने की है धरती यहा चांदी का गगन है पंजाब की रूत है कही कश्मीर की रंगत गंगा का मिलन है कही जमना […] Read more » poem by shadab zafar गीत-मिट जाऊ वतन पर