कविता
राजनीति
 
 /  by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो    
-राम सिंह यादव- बहुत सारे चेहरे हैं कुछ मुस्कुरा रहे हैं कुछ चिल्ला रहे हैं कुछ भोले से दिख रहे हैं… कुछ चेहरों मे छिपा लोभ है कुछ चेहरों में ठेकेदारी है कुछ तो धर्म के पूरक हैं… काटते, छांटते और बांटते आदमी चिल्लाते हैं वोट दो…. पानी लो, बिजली लो, विकास लो,,, मैं ट्रेन दूंगा, मैं रोड दूंगा, […] 
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