कविता कोशिश April 24, 2014 by बीनू भटनागर | Leave a Comment -बीनू भटनागर- कुछ अनचाहा सा, कुछ अनसोचा सा, कुछ अनदेखा सा, कुछ अप्रिय सा, जब घट जाता है, तो मन कहता है नहीं… ये नहीं हो सकता, दर्द और टीस का कोहरा, छा जाता है सब ओर। पर नियति है… स्वीकारना तो होगा थोड़ा मुश्किल है, पर करना तो होगा.. ये स्वीकारना ही एक ऐलान […] Read more » poem on try कविता कोशिश