धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज के विद्वानों, नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को निःस्वार्थ भाव एवं निर्भीकतापूर्वक वेदों का प्रचार करना चाहिये” July 11, 2019 / July 11, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द के आगमन से लोगों को यह ज्ञात हुआ कि विद्या व ज्ञान भी सत्य एवं असत्य दो प्रकार का हो सकता है। हम बचपन में माता-पिता द्वारा की जाने वाली मूर्तिपूजा एवं अल्पज्ञ मनुष्यों द्वारा रचित प्रार्थनाओं व आरती आदि करते थे। ऋषि दयानन्द के ग्रन्थों के स्वाध्याय एवं […] Read more » Aryasamaj promote vedas selflessly