विविधा कर्तव्य प्रधान भारत का राष्ट्रधर्म August 31, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 13 Comments on कर्तव्य प्रधान भारत का राष्ट्रधर्म – हृदयनारायण दीक्षित संस्कृत लोकमंगल अभीप्सु भाषा है। कण-कण में एकत्व की बोली है। यह देवत्व और दिव्यत्व की अनुभूति वाणी है। भारत का प्राचीन दर्शन, विज्ञान, इतिहास, काव्य और गीत संस्कृत में ही उगा। लेकिन अंग्रेजी अमेरिकी सभ्यता के मानसिक गुलाम संस्कृत को मृत भाषा कहते हैं। पीछे सप्ताह संस्कृत प्रेमियों ने यू.पी. की […] Read more » Rashtradharma राष्ट्रधर्म