कविता रिश्तेदार सुख में साथ होते दुःख में बेवफा हो जाते December 5, 2022 / December 5, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायक अमीरी और गरीबी स्थाई पहचान नहीं होती है आदमी की आज का अमीर कल गरीब हो जाता फिजूलखर्ची अनाचार से आज का गरीब कल संपन्न हो सकता शिक्षा और संस्कार से! मगर आदमी गरीबों से अपनी करीबी रिश्तेदारी को भी छिपाता और अमीरों से दूर की रिश्तेदारी भी बढ़ा चढ़ाकर बताता! पर […] Read more » Relatives remain unfaithful in sorrow while being together in happiness.