समाज पीडि़तों की सेवा मनुष्य का धर्म November 18, 2014 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ओ३म मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसके चारों ओर अपने निकट सम्बन्धी और पड़ोसियों के साथ मि़त्र व पशु-पक्षी आदि का समुदाय दृष्टिगोचर होता है। समाज में सभी मनुष्यों की शारीरिक, सामाजिक, शैक्षिक, स्वास्थ्य की स्थिति व आर्थिक स्थिति समान नहीं होती है। इनमें अन्तर हुआ करता है। यह सम्भव है कि एक व्यक्ति आर्थिक […] Read more » ‘पीडि़तों की सेवा Religion of Man serving victims