व्यंग्य लोकपाल या लोक पा(ग)ल January 11, 2012 / January 12, 2012 by अविनाश वाचस्पति | 1 Comment on लोकपाल या लोक पा(ग)ल अविनाश वाचस्पति लोकपाल मतलब नेता। चौंकिए मत जो लोक को पाले वह नेता ही हो सकता है। अरे भाई इसमें इतनी हैरानी की क्या बात है, क्योंकि लोक हुआ आम आदमी और आम आदमी को पालता है नेता। चाहे यह नेताओं की गलतफहमी ही क्यों न हो, परंतु किसी हद तक तो ठीक बैठ रही […] Read more » Lokpal Bill reservation in lokpal bill लोकपाल
राजनीति सामाजिक न्याय की बात आने पर बिदकते क्यूँ है कुछ लोग ? December 16, 2011 / December 16, 2011 by अरविन्द विद्रोही | 1 Comment on सामाजिक न्याय की बात आने पर बिदकते क्यूँ है कुछ लोग ? अरविन्द विद्रोही संसद भवन में डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा स्थल के समीप देश १६३ सांसदों ने सामाजिक न्याय की मांग को बुलंद करते हुये विगत बुधवार को धरना दिया| अपनी मांगो के लिए धरना देना ,ज्ञापन देना आदि संवैधानिक -लोकतान्त्रिक अधिकार भारत के सभी नागरिको को प्राप्त है और सांसद भी भारत के नागरिक […] Read more » reservation in lokpal bill सामाजिक न्याय