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व्यंग्य साहित्‍य

अगड़ों मे अगड़े, पिछड़ों मे पिछड़े

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आजकल जाति के आधार पर पिछड़ापन तय हो रहा है तो मैने सोचा अपनी जाति के अगड़े पिछड़े परकुछ रिसर्च करूँरिसर्च तो वैसे घर बैठे  करने के लिये विकीडिया ही काफ़ी  है पर किसी यूनिवर्सिटी से रि सर्च हो तो नाम के आगे डाक्टर  का ठप्पा लगाना बड़ा अच्छा लगे गा।बड़ी पुरानी ख़वाहिश  करवट  ले रही है।रिसर्च के लियें  आजकल सबसे अधिक चर्चित यूनीवर् सिटी तो जे.एन यू, ही और वहाँ  ना उम्र की सीमा है, ना जन्म का है बंधन……..  और जे. एन यू. मे सोश्योलोजी मे शोध छात्रा बन जाऊं या ऐन्थोपौलोजी की , चाहें […]

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