व्यंग्य व्यंग्य बाण : पार्टी उत्थान योजना November 10, 2014 / November 15, 2014 by विजय कुमार | Leave a Comment चिरदुखी शर्मा जी इन दिनों कुछ ज्यादा ही दुखी थे। अधिकांश लोगों का दुख आंखों से टपकता है; पर उनका दुख स्पंज की तरह शरीर के हर अंग से टपकता रहता था। इस चक्कर में उनका रक्तचाप सोने और चांदी के दामों की तरह लगातार गिरने लगा। दिल की धड़कन मुंबई के स्टॉक एक्सचेंज की […] Read more » party uthan yojna sattire on party uthan yojna पार्टी उत्थान योजना