कविता गरज रहे है बादल,डरा रहे है मुझको July 18, 2019 / July 18, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment गरज रहे है बादल,डरा रहे है मुझको |डर भगा दो तुम मेरा,बस गले लगा लो मुझको || चमक रही है बिजली,सता रही है मुझको |कलमुही के पास न जाना,जलाकर राख कर देगी मुझको || बरस रहे है बादल,तरसा रहे है मुझको |कैसे अग्न बुझेगी मेरी ,बस बता दो अब मुझको || पड रही है धीरे […] Read more » monsoon rainy season scared me thunder