कविता साहित्य नारी पुत्री ही नही वो माता है पिता का भी December 28, 2020 / December 28, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकनारी तुम्हारी बांहों में सोता है शिशु नर,नारी तुम्हारी बांहों में बंधा आकाशी नर! नारी तुम्हारी बांहों में रोता है मुमुक्षु नर,नारी तुम्हारी बांहों में शांति से मरता नर! नारी के प्यार में नर आता पुनः देह धर,नारी तुम्हारी गहराई को क्या नापेगा नर? नारी तुम्हारी सीमा को क्या बांधेगा नर?नारी तुम्हारा पग […] Read more » Not only a female daughter she is also a mother of a father नारी पुत्री ही नही वो माता है पिता का भी