कविता साहित्य
शहादत का गीत
/ by मनोज यादव
सत्ता ये खामोश रहे, खामोश नहीं हो सकता मैं, बलिदानों पर वीरों के, मौन नहीं हो सकता मैं, कैसे देखूँ, माता को अपनी आँखों का तारा खोते, बूढे बाप को बेटे की मैं, अर्थी का बोझा ढोते, कैसे देखूँ, बहना के आँसू को रक्षाबंधन में, विधवा को पल-पल मरते, मैं उसके सूने जीवन में, क्या […]
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