विविधा कहां गई गौरैया की चहचहाहट March 12, 2010 / December 24, 2011 by लिमटी खरे | 1 Comment on कहां गई गौरैया की चहचहाहट याद है, जब छोटे थे, तब स्कूल जाने के लिए अलह सुबह उठाया जाता था, यह कहकर देखो चिडिया आई, देखो कौआ आया, वो देखो मोर आया। घर की मुंडेर पर छोटी सी चिडिया चहकती रहती, और उठकर स्कूल के लिए तैयार होने लगते। गरमी में कोयल की कूक मन को अलग ही सुकून देती […] Read more » Sparrow गौरैया
समाज अब कहाँ नींद खुलती है गौरैया के साथ December 16, 2009 / December 25, 2011 by प्रदीप श्रीवास्तव | Leave a Comment पाठकों आप में से कई लोगों को याद भी नहीं होगा कि आखिरी बार गौरैया कब देखा था, नई पीढी के बच्चों ने तो केवल अपनी पाठ्य पुस्तकों में ही पढ़ा होगा, वह भी गौरैया नहीं, अंगरेजी में स्पयरो शब्द से ही जानते होंगें. जानेंगे भी कैसे, महानगरों की बात छोडें, अब तो छोटे शहरों के साथ-साथ […] Read more » Sparrow गौरैया