बच्चों का पन्ना बाल कहानी – कीरत तीरथ January 2, 2013 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment प्रभुदयाल श्रीवास्तव धरमपुरा रियासत के एक गांव में कीरत तीरथ नाम के दो सगे भाई रहते थे। किसी गंभीर बीमारी के चलते उनके पिता मल्थूराम का स्वर्गवास पांच साल पूर्व ही हो चुका था। माँ ने बच्चों को पाल पोसकर बड़ा किया था और दोनों का विवाह भी बड़ी धूम धाम से कर दिया था। […] Read more » story for kids
बच्चों का पन्ना एक थे मुन्नालाल October 3, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment दुनियाँ में साहित्य और भाषा का बड़ा महत्व है|मुहावरे दार भाषा हो तो क्या कहने,सुनने वाले की तबियत बाग बाग हो जाती है|अब देखिये न एक मुहावरा है जैसे को तैसा|यह मुहावरा दैनिक जीवन में बड़े काम का है|कई लोग इस मुहावरे का प्रायोगिग रूप से उपयोग करते हैं|अंग्रेजी में भी टिट फार टेट की […] Read more » story for kids
बच्चों का पन्ना जंगल का प्रजातंत्र October 2, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 2 Comments on जंगल का प्रजातंत्र बहुत ही सुहावना मौसम था सुबह ही झमाझम बारिस हो चुकी थी और अब गुनगुनी धूप निकल आई थी|जंगल के सभी जानवर खुशी के मारे उछल कूद कर रहे थे|हत्थू हाथी को भी बहुत मज़ा आ रहा था| उसे ऐसा लग रहा था कि कोई जोरदार खेल हो जाये|अचानक सामने से लल्लू शेर आता दिखाई […] Read more » story for kids
बच्चों का पन्ना व्यंग्य थोड़ा सा फर्क September 28, 2012 / September 27, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 13 Comments on थोड़ा सा फर्क “दादाजी दादाजी ‘बनाना’ को हिंदी में क्या बोलते हैं?” “बेटे ‘बनाना’ को हिंदी में केला कहते हैं|” “और दादाजी वो जो राउंड ,राउंड, ऱेड, रेड एप्पिल होता है न उसको हिंदी में क्या बोलते हैं?” “बेटे उसको सेब बोलते हैं|” मेरा नाती मुझसे सवाल पूँछ रहा था और मैं जबाब दे रहा था| “आच्छा..आपको तो […] Read more » story for kids थोड़ा सा फर्क
बच्चों का पन्ना पीतांबरलाल और ठग September 27, 2012 / September 27, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment पुराने समय की बात है लाला पीतांबर लाल धरमपुरा रियासत के दीवान थे|समय के पावंद तेज तर्रार और ईमानदार |बड़ी समस्यओं को चुटकी मे हल कर दॆने में उन्हॆं महारत हासिल थी|लोग तो कहते हैं उन पर देवी माता की असीम कृपा थी|रियासत के राजा लाला साहिब के रहते चैन की नींद् सोते थे|कुछ दिनों […] Read more » story for kids