कविता वैसा वैभव बेकाम की जो मिले किसी के रुदन में December 8, 2022 / December 8, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकदूसरों के प्रतिजितनी जहर होती इंसानी जेहन मेंउतनी ही जहरउग आती संतान के बीज बपन में! जिसने जितना विष घोलारिश्ते और पराए जीवन मेंउतना हलाहल लहलहाएगानिज संतति के अंतर्मन में! कोई जितनी घृणा द्वेष फैलातेबड़े छोटे स्वजन मेंवो सब कुछ उन्हें लौटकर आतेउनके वृद्धापन में! अगर मां पिता बंधु कोअपमानित किया धनार्जन मेंतो […] Read more » Such splendor is of no use