लेख विवाह के ‘शादी’ हो जाने की त्रासद परिणति November 4, 2025 / November 4, 2025 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment हिन्दू जीवन-सोपान में चार आश्रम हुआ करते हैं- ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास । दूसरे आश्रम के आरम्भ में सम्पन्न होने वाला विवाह संस्कार सर्वाधिक महत्व का संस्कार है, क्योंकि यह परिवार-संस्था एवं गृहस्थ-आश्रम की आधारशिला है । यह इस कारण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अन्य तीनों आश्रमों- ब्रह्मचर्य-वानप्रस्थ-सन्यास का पोषण इसी गृहस्थ आश्रम से […] Read more » The tragic outcome of marriage becoming a 'shaadi'