पर्यावरण
प्रकृति और मनुष्य के बीच है शाश्वत रिश्ता
 
 /  by सुनील कुमार महला    
संस्कृत में कहा गया है -‘शाश्वतम्, प्रकृति-मानव-सङ्गतम्,सङ्गतं खलु शाश्वतम्। तत्त्व-सर्वं धारकं, सत्त्व-पालन-कारकं, वारि-वायु-व्योम-वह्नि-ज्या-गतम्। शाश्वतम्, प्रकृति-मानव-सङ्गतम्।। अर्थात इसका भावार्थ यह है कि प्रकृति और मनुष्य के बीच का संबंध शाश्वत है।रिश्ता शाश्वत है। जल, वायु, आकाश के सभी तत्व, अग्नि और पृथ्वी वास्तव में धारक हैं और जीवों के पालनहार हैं। सच तो यह है कि […] 
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