कविता आत्मा पुनर्जन्म ऐसे पा लेती है February 1, 2021 / February 1, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —-विनय कुमार विनायकएको ब्रह्म दूजा नास्तिअस्तु परमात्मा एक है! अशरीरी अखण्ड परमात्मापारद सा खण्डित होतागोल बूंद सा मंडित होता! वायवीय आवरण से घिरकरआवरणों के छंट जाने सेदूरियों के घट जाने सेबूंद-बूंद अनेक बूंद होकरएक जलराशि सा हो जाता! अस्तु परमात्मा एक है!आत्मा-आत्मा भी बूंद-बूंद साएक-एक इकाई हो जाता! परमात्मा बूंद-बूंद सा बंटकरशरीर में एक नहीं […] Read more » This is how the soul reincarnates पुनर्जन्म