कविता
आदिवासी नहीं कोई जाति यह एक अवस्था है
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकआदिवासी नहीं कोई जाति यह एक अवस्था है,आदिवासी जनजातिकीअवस्था सेहर नस्लवर्णजातिवर्गकोगुजरना होता है! आज की वर्तमानवर्णाश्रमी जातिकल कबिलाईआर्यआदिवासी जनजातिथी! एक समय में अनेक आदिवासी जनजाति होसकती,वर्णाश्रमी जातियों जैसीसमकालीनआदिवासी जनजातियों मेंसमानता नहीं होती! आज भारतीय आदिवासी हैंसंथाल,पहाड़िया, मुंडा, उरांव,हो,कोल,भील,किरात,खरबार, मीना आदिजनजाति,जो आपस में तनिक मेल नहीं खाती! खरबार,मीना, मुंडा जनजाति का रीति रिवाजमिलता है […]
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