कविता कहाँ गये पखेरू, वीरान पेड़ रोते November 2, 2023 / November 2, 2023 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आज भी दरवाजा खोलते ही, मुझे अपने घर से नजर आता है नीम का पेड़, जो देवी की मडिया से सटकर खड़ा है। और कुछ दूरी पर एक विशाल इमली का पेड़ हुआ करता था जिसे चंद स्वार्थियों ने जड़ से काटकर जमीन पर कब्जा कर विशाल भवन खड़ा किया है। घर के पिछवाड़े की […] Read more » Where have the birds gone